सोलर की कहानी

सच मे अमृत क्लीनिक में सोलर इन्स्टालेशन एक कहानी सा लगता हैं I दक्षिणी राजस्थान के दूर दराज़ के क्षेत्रों में घर—बिजली-पानी के हालात अच्छे नहीं है, और खास बात यह है कि वहाँ बसे समुदाय को इसकी आदत ही हो गयी है I उन्हे इस बात से कोई खास फर्क नहीं पड़ता है, ना हीं शिकायत है I

शायद वो इस चेलेंज को सामान्य स्थिति मानते है I ऐसे ही इलाक़े में उदयपुर जिले के सलूम्बर और गोगुंदा ब्लॉक में बेसिक हैल्थ केयर सर्विसेज (BHS) द्वारा संचालित अमृत क्लीनिक मेँ प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ दी जा रही है I जहाँ 24×7 सेवाएँ उपलब्ध है I अमृत क्लीनिक पिछले 10 वर्षों से कार्यरत है , नर्सेज वही रह कर क्लीनिक में आने वाले मरीजों को सभी प्रकार की बीमारी के लिए जांच, डायग्नोसिस, इलाज़, समाधान और रेफरल का काम करती है I नर्सेज को निरंतर डॉक्टर का गाइडेंस, ट्रेनिंग और सपोर्ट सुनिश्चित किया जाता है I साथ ही क्लीनिक एवं केचमेंट में समुदाय में स्वास्थ्य के बचाव, प्रचार-प्रसार और इलाज़ का कार्य किया जाता है I

BHS के कार्यकारी निदेशक, डॉ पवित्र मोहन ने अमृत क्लीनिक में शुरू से ही हर संभव टेक्नालजी और संसाधन को शामिल किया है I इसी क्रम में रिमोट एरिया होने पर भी अमृत क्लीनिक मे शुरुआत से ही सोलर इन्स्टालेशन किया गया I यध्यापि ये उस समय की न्यूनतम जरूरतों के लिए ही पर्याप्त था I परंतु ज़रूरी पॉइंट बिजली, पंखा और चारजिंग पॉइंट की सुविधा मिलती रही I क्लीनिक की सेवाओं में लगातार बढ़त और नई – नई सेवाएँ शामिल होती गयी, जिसकी तुलना में सोलर सिस्टम की क्षमता को बड़ाने की सख़्त ज़रूरत दिखती रही I साथ ही उपलब्ध पावर बेककप को मैंटेन करना बड़ी चुनौती रहा है I कई बार इंवर्टर-बेटरी रिपेयर, रिपलेसमेंट करते रहने के बावजूद भी अमृत सेवाओं में कुछ फासला दिखाई देता, इस कारण पावर बेककप की संतोषजनक स्थिति नहीं कही जा सकती थी I  समय के साथ ये फासला बढ़ता जा रहा था, साथ ही हर समय मरीजों के लिए तत्पर रहने वाली नर्सों के रहने की  सुविधा में एक कमी लगती I

अमृत क्लीनिक गुणवत्ता सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध है I इस कड़ी में पर्याप्त पावर बेककप भी अत्यंत आवश्यक रिसोर्स है I जिसके लिए संस्था हमेशा कोशिश करती रही I इस कार्य मेँ 2 कारक मुख्यतः चुनौती रहे : फंड और उपयुक्त वेंडर जो यथोचित डिज़ाइन, रिपेयर और मैंटेनेंस सुनिश्चित कर सके I

ये कहानी 2013 मे शुरू हुई, जिसमे कुछ हद तक सुविधा मिलती रही I कुछ साल के बाद चुनौती के साथ लगातार प्रयास चलता रहा I और इसे अपग्रेड करने के लिए और भी स्कोप देखे जाते रहे I इस कहानी मे मोड़ करीब 4 साल पहले आया, जब World Resources Institute (WRI), India से हर्षा ने एक टीम सदस्य के साथ BHS  विजिट किया I तब से अमृत क्लीनिक मे पावर बेक-अप पर टेक्निकल पॉइंट पर चर्चा शुरू हुई I और कई तरह के वर्किंग, एसेसमेंट एवं अन्य विश्लेषण किए गए I जिसमे आवश्यकतानुसार क्षमता,  पुराने इनवेरतर-बेट के रिपेयर, रिपलेसमेंट से ले कर फ़ाइनल  इन्स्टालेशन तक  के प्रकरण में कई  बार आउटकम आगे-पीछे होता रहा I जिसे बहुत छोटे वाक्यों मे कुछ इस तरह बताया जा सकता है –

अक्टूबर 2019 : WRI, India से हर्षा मीनावत का नम्रता के साथ BHS, उदयपुर और अमृत क्लीनिक बेड़ावल विजिट

अगस्त 2021 : Care India द्वारा सभी अमृत क्लीनिक पर सोलर सिस्टम का ऑफर I टेक्निकल एसेस्मेंट, वेंडर के रेस्पोंस आदि मे करीब 6-7 महीने की एक्सरसाइज के बाद देरी होने से फंड एक्सफायर हा गया I इस समय बहुत दुख हुआ I इसी  दौरान कॉविड महामारी का दौर रहा, जिसमें क्लीनिक की सेवाओं और समुदाय में होम केयर के कार्य पर फोकस रहा I

हम फिर से पावर बेक-अप के लिए नए सिरे से कोशिश में लग गए I गोगुंदा क्लस्टर के अमृत क्लीनिक, रावछ में मरीजों की लगातार बड़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए यहाँ पावर बेक-अप का प्लान किया I और प्रोसैस शुरू कर दिया, फंड ईकी व्यवस्था, फ़ाइनल अप्रूवल तक की प्रक्रिया पूरी हो गयी I फ़ाइनल ऑर्डर के पहले दोबारा विचार करने पर सभी अमृत क्लीनिक में पावर बेक-अप की सख्त ज़रूरत महसूस हुई I अतः फिर से रावछ क्लीनिक के प्रोजेक्ट को होल्ड  कर दिया I

अब इसके आगे की कुछ झलकियाँ इस प्रकार रही –

जून 2022 में : WRI, इंडिया टीम से लेनविन का उदयपुर विजिट और नए वेंडर से फोन पर बातचीत

28 सितंबर 2022 :  WRI, इंडिया टीम से ऋषिकेश का फोन आता है कि Thoughtwroks द्वारा हैल्थ केयर फील्ड के लिए पावर बेक-अप के लिए प्रावधान I साथ ही अंतिम दिन होने से उसी दिन प्रपोजल भेजने के लिए कहा, जो बहुत मुश्किल लगा I चूंकि उपयुक्त पावर बेक-अप अत्यधिक महत्वपूर्ण था I अतः इस काम में मेरी सहकर्मी, अर्पिता अमिन ने फील्ड में होते हुए भी शिद्दत से तैयार कर उसी दिन सबमिट कर दिया I अर्पिता को दिल से धन्यवाद और आभार ! 

करीब एक महीने मे प्रपोजल कि स्वीकृति अपेक्षित थी, दो महीने तक कोई समाचार नहीं मिला I हमे पुराने अनुभवों से थोड़ी आदत सी हो गयी कि शायद वर्क आउट ना भी हो J

फिर अचानक मिड-दिसंबर में ऋषिकेश ने फोन पर सूचित किया कि प्रपोज़ल अप्रूव हो गया I ऋषिकेश को खूब धन्यवाद ! ये हमारे लिए बहुत खुशी का दिन था, अतः हम इसे जल्दी ही कार्यान्वित करने मे जुट गए I पिछले  कुछ साल से हम इसी प्रोजेक्ट के लिए WRI, India टीम के साथ माइक्रो अससेसमेंट एक्सर्साइज़ कर रहे थे जिसके फलस्वरूप टेंडर-अप्रूवल प्रोसैस जल्दी ही किया जा सका I इस दौरान लगातार WRI, टीम के साथ फोन औए ज़ूम कॉल द्वारा संपर्क रहा, हर्षा, लेनविन और ऋषिकेश के सहयोग से हमारा हौसला मज़बूत होता गया I और ये प्रक्रिया आराम से पूरी की गयी जिसकी  कुछ संक्षिप्त झलकियाँ इस प्रकार है :

1 जनवरी 2023: MoU फ़ाइनल हो कुल फंड ट्रांसफर हो गया
13 जनवरी 2023: वेंडर को सोलर इन्स्टालेशन का ऑर्डर
4 फरवरी से 19 मार्च 2023: सभी अमृत क्लीनिक में सोलर इन्स्टालेशन, लोकल टीम की प्रारंभिक ट्रेनिंग

सोलर इन्स्टालेशन के प्रभाव : 

वर्तमान में सभी अमृत क्लीनिक में 3 Kw with 14.4 Kw battery backup with UPS capacity सिस्टम उप्लब्ध है Iजिससे क्लीनिक की सेवाओं मे काफी राहत मिली है I कई सेवाएँ पावर बेक-अप होने से मज़बूत हुई, जैसे डिलीवेरी केस में नवजात के लिए इंफेंट वार्मर, ब्लड टेस्ट के लिए  सीरम सेंपल, नेबुलाईजर, ऑक्सिजन कनसेंटरेटर आदि का उपयोग संभव है  सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा रहा है I हमे खुशी है कि नर्सेज क्वार्टर में भी पावर बेक-अप की पर्याप्त सुविधा हो गयी है I अन्य कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव देखे जा रहे है, जो आने वाले समय में और स्पष्ट होंगे I पावर बेक-अप की पर्याप्त सुविधा होने पर पूरी टीम बहुत खुश ! इसकी एक झलक  

चुनौतियाँ :

  • दूर-दराज़ एरिया में इनफ्रास्ट्रक्चर संबन्धित
  • वेंडर की पहुँच कठिन, रिपेयर-मैंटेनेंस
  • सोलर ईक्विपमेंट के हैंडिलिंग मैन लोकल टीम की जागरूकता और समझ, लगातार ट्रेनिंग की ज़रूरत
  • फाईनेंसियल बर्डन
  • बिजली के बिल में कमी हो अन्यथा खर्च और बड़ेगा

आगामी योजना एवं रणनीति :

यध्यपि वर्तमान सोलर सिस्टम आने वाले 25 साल तक उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसके नियमित रख-रखाव और हमेशा  स्थिति में बनाए रखने के लिए उचित समाधान की ज़रूरत है I इसके लिएउचित योजना एवं रणनीति बनाना आवश्यक है I जिसके बारे मे आने वाले समय में ज़रूर साझा करना चाहेंगे

तब तक के लिए इतनी जानकारी साझा करनेके लिए मुझे डॉ संजना – न्यूट्रिशन डाइरेक्टर, डॉ पवित्र मोहन – एक्जिक्यूटीव डाइरेक्टर ने बहुत प्रोत्साहित किया I उनका दिल से आभार !!!

अंत में ये ज़रूर बताना चाहूंगी कि ये मेरी पहला wirte up है I अतः लिखने का  सोचा तो, लेकिन लिखने की हिम्मत करने में करीब 5 महीने का  समय लगा I

मृत क्लीनिक में सोलर सिस्टम को कार्यान्वित करने में इन सभी सदस्यों का भरपूर सहयोग और सपोर्ट रहा है:

हर्षा मीनावत, ऋषिकेश, लेनवीन (WRI, India) टीम : जिनके कारण सुनियोजित प्रक्रिया, उपयुक्त क्षमता की डिज़ाइन और वेंडर से लाईजनिंग, संभव हो सका I और आगे भी लंबे समय टिकाऊ रखने मे सोच जारी …

Thoughtworks : अमृत क्लीनिक के सभी 5 यूनिट के लिए फंड करने पर सभी लोकेशन पर एक साथ पावर बेक-अप की व्यवस्था संभव हुई I ये सपोर्ट समुदाय में करीब 45000 लोगो तक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने का में महत्वपूर्ण योगदान I Thoughtworks की पूरी टीम को  दिल से धन्यवाद !!!

LetsEndorse : उपरोक्त पावर बेक-अप उपलबध करवाने में Thoughtworks और BHS के कॉर्डिनेशन र्में पूर्ण रूप  पार्टनरशिप  का लिए मोनिका और टीम  का एक कड़ी की तरह सामंजस्य रहा I LetsEndorse टीम का आभार !

Care India: अमृत क्लीनिक पर पावर बेक-अप के लिए प्रावधान रखा, जिसके कारण BHS सभी क्लीनिक के प्रोजेक्ट के लिए प्रोत्साहित हो कर प्रोकरमेंट की तैयारी पूरी तरह से कर सके I इसका लाभ आगे मिला I सभी टीम को धन्यवाद !

अर्पिता अमिन : इनके सहयोग से प्रपोज़ल को आधे दिन में ही सबमिट किया जा सका

क्लीनिक टीम : समय-समय पर चाही गयी जानकारी देना, हर तरह के प्रयोग करने मे सहयोग देना सरहनीय है

समस्त BHS टीम : सभी ने समय-समय पर ज़रूरत के अनुसार हमेशा सपोर्ट किया

यूनिटेक इंडिया : मुख्य वेंडर, कुलदीप सिंह और जावेद, ये हमेशा टेक्निकल पॉइंट, गुणवत्ता और नई प्रेक्टिस के लिए सहर्ष तैयार रहते है I जिनके  साथ प्रोजेक्ट पूर्ण करने में आसानी रही

डॉ संजना :अमृत क्लीनिक के छोटे-छोटे चेलेंज नोटिस करना, हमेशा उत्तम गुणवत्ता को बनाए रखने और पावर बेक-अप की ज़रूरत को प्राथमिक ज़रूरत बनाए रखने मे ध्यान देते रहना

डॉ पवित्र मोहन : हमेशा मुझ पर भरोसा करना, निर्णय लेने की स्वतन्त्रता देने और सभी प्रकार के प्रोसैस में  देखने, सोचने में पूर्ण सहयोग रहने से ये कहानी सफल हो सकी.

प्रीति भटनागर-

प्रबंधक संचालन, बेसिक हेल्थकेयर सर्विसेज द्वारा लिखित